वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 121 भाषाएँ हैं जबकि यूरोप में केवल 24! इन 121 भाषाओं में से प्रत्येक में अभिव्यक्तियों का समृद्ध भंडार है जोकि उस समय प्रचलित ज्ञानसागर को गागर में समेटे है। इस वेबसाइट का उद्देश्य भारत की आधुनिक पीढ़ी और भावी पीढ़ियों के लिए इस विशाल भाषाई सांस्कृतिक विरासत को संजोना और बढ़ावा देना है। आधुनिक युग का इलेक्ट्रोनिक मीडिया और उसी तरह यह वेबसाइट इस कार्य के लिए उत्कृष्ट माध्यम है। यह उत्तर प्रदेश भारत में पंजीकृत न्यास वैदिक संस्कृति संस्थानम् (www.mantrayoga.org) की एक पहल है। हमारे इस प्रयास में आपके किसी भी प्रकार के योगदान का हम स्वागत करते हैं!